वुड डिस्पैच 1854 ( वुड का घोषणा पत्र )

वुड डिस्पैच वर्ष 1854 में लाया गया था. असल में चार्ल्स वुड यह ब्रिटिश संसद के एक सदस्य थे और वे लार्ड डलहौजी के समय ईस्ट इंडिया कंपनी के बोर्ड ऑफ़ कण्ट्रोल के सदस्य बने इन्होने 1854 में भारत में वुड डिस्पैच भेजा वुड डिस्पैच को भारत में अंग्रेजी शिक्षा का मैग्नाकार्टा भी कहा जाता हैं मैग्नाकार्टा का मतलब होता हैं आधिकारिक तौर पर शुरुआत.

हालांकि भारत में चार्टर एक्ट 1813 के अनुसार अंग्रेजो की तरफ से शिक्षा मुहैया करना शुरू हो गयी थी. ईस्ट इंडिया कंपनी 1813 के अनुसार दिये गए छोटे से बजट द्वारा भारतीयों को अंग्रेजी शिक्षा दे रही थी ताकी उनके कार्यालयों के काम के लिए क्लरिकल स्टाफ की जरुरत पुरी हो सके जिनके पास अंग्रेजी भाषा का ज्ञान हो.

इसके अलावा वुड के घोषणा पत्र आने के पहले वर्ष 1847 में आय.आय. टी. जैसी शिक्षा संस्था भारत में खुल चुकी थी

वुड डिस्पैच का महत्व और उसे मैग्नाकार्टा क्यों कहा जाता हैं.

इस वुड्स डिस्पैच को मैग्नाकार्टा इसलिए कहा जाता हैं क्योंकि पहली बार यह शैक्षणिक रिपोर्ट आधिकारिक रूप से ब्रिटिश के संसद से पारित होकर भारत पहुंची थी.

वुड्स डिस्पैच के अनुसार भारत के प्रत्तेक प्रान्त यानि प्रोविंस में एजुकेशनल डिपार्टमेंट शुरू किया जायेगा.

वुड्स डिस्पैच में लंदन यूनिवर्सिटी के तर्ज़ पर बॉम्बे मद्रास कोलकाता में यूनिवर्सिटी खोलने का निर्णय लिया गया और तीन वर्ष के भीतर याने 1857 तक यूनिवर्सिटी इन तीनो जगह स्थापित हो चुकी थी.

साथ वुड डिस्पैच में प्रत्तेक जिल्हे में सरकारी स्कूल खोलने की बात कही गयी एवं महिलाओ की शिक्षा का जिक्र किया गया.

वुड डिस्पैच के तहत प्राथमिक शिक्षा भारतीय भाषा में दी जाने वाली थी तथा उच्च शिक्षा अंग्रेजी में तथा यही व्यवस्था आज भी हमारे एजुकेशन सिस्टम में मौजूद हैं.
धन्यवाद!

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