आज के आर्टिकल मे हम रौलट एक्ट के बारे मे पढ़ेंगे. इस आर्टिकल मे हम जानेगे की रौलट एक्ट कब आया? किसलिए आया? इसके आने के बाद इंडियन नेशनल कांग्रेस की क्या प्रतिक्रया रही? गांधीजी के सत्याग्रह के बारे मे भी चर्चा करेंगे. जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के बारे मे चर्चा करेंगे. अंत मे जानेगे रौलट एक्ट को कब हटाया गया तथा किसलिए हटाया गया.
रौलट एक्ट को पारित कराने का कारण.
भारत के रौलट एक्ट की कड़िया प्रथम विश्व युद्ध से जुडी हैं. जुलाई 1914 मे प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ. ब्रिटिशर्स प्रथम विश्व युद्ध मे प्रमुख तौर पर शामिल थे. ऐसे समय मे भारत की क्रन्तिकारी गतविधियों को नियंत्रित करने के लिए एक एक्ट पारित किया जिसका नाम था डिफेंस ऑफ़ इंडिया एक्ट 1915. यह एक आपातकाल आपराधिक से संबधित कानून था. ब्रिटिश सरकार के मुताबिक हम अभी एक युद्ध आपातकाल मे फसे हुए हैं और ऐसे समय आपराधिक तथा आतंकी गतविधि से निपटने के लिए उन्होंने कुछ कठोर तरीके अपनाये थे.
रौलट एक्ट समिति की सिफारिश
डिफेन्स ऑफ़ इंडिया एक्ट देश मे लागू किया गया था प्रथम विश्व युद्ध शुरुआत से लेकर उसके समाप्ति के छह महीने बाद तक. असल मे प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति नवंबर 1918 को हो चुकी थी इसके साथ डिफेन्स ऑफ़ इंडिया एक्ट को हटाने की घडी नज़दीक आ रही थी. लेकिन ब्रिटिश सरकार भाप चुकी थी की देश मे क्रांतिकारी घटनाये तथा राष्ट्रवादी आंदोलन पहले से ज्यादा तेज़ होने वाला हैं इसको ध्यान मे रकते हुए ब्रिटिश सरकार ने सिडनी रौलट के अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया जिसका उद्देश्य था की भारत में आतंकी गतविधियों का मूल्यांकन करना खासतौर पर पंजाब एवं बंगाल में. इसके अलावा इस समिति का एक और काम था की वो इंडियन नेशनलिस्ट लीडर के जर्मन गवर्नमेंट और रशियन बोल्शेविक के बिच के लिंक को ढूंढे. साथ ही कुछ सिफारिशें भारत के आतंकी गतविधियों को नियंत्रण में लाने की. इस कमिटी ने भारतीय तथा जर्मन गवर्नमेंट लिंक्स को एस्टब्लिश किया और इंडियन मिलिटेंट को नियंत्रित रखने के लिए डिफेन्स ऑफ़ इंडिया एक्ट 1915 को अनिश्चित समय तक बढ़ाने को कहा इस प्रकार से डिफेन्स ऑफ़ इंडिया एक्ट को अनिश्चितकाल के बढ़ाने के अवधि को रौलट एक्ट कहा जाता हैं.
रौलट एक्ट का उद्देश्य तथा प्रावधान.
हालाकि इसका असल नाम एनार्कियल एंड रेवोलुशनरी क्राइम एक्ट 1919 हैं तथा यह काला कानून लार्ड चेम्सफोर्ड के समय आया था. रौलट एक्ट का मुख्य उद्देश्य था की सरकार के खिलाफ हो रहे साजिश को या किसी षड्यंत्र को होने से पहले रोक देना.
इस एक्ट के अनुसार पुलिस बिना किसी वारंट के किसी की भी तलाशी ले सकती थी. मतलब किसी के भी घर में पुलिस के छापे पड़ सकते थे. और कोई भी छोटी चीज़ जैसे इंकलाब ज़िंदाबाद के पोस्टर भी मिल जाए तो पुलिस उनके ऊपर कठोर कार्रवाई ले सकती थी. इसके अलावा शक के बिनाह पर लोगो को जेल में कैद किया जा सकता था कम से कम दो वर्षो के लिए तथा इसपर कार्यवाही के लिए विशेष कोर्ट के प्रावधान किये गए जिसमें तीन न्यायधिशो की बेंच तुरंत फैसला लेती थी तथा एक बार आदमी दोषी मान लिया गया तो इसकी कही कोई अपील की व्यवस्था नहीं थी. लोगो को पब्लिक्ली इकट्ठा होने पर पाबन्दी लग गयी किसी तरह का मेला, त्यौहार सार्वजनिक तौर पर या इकट्ठा मनाने पर पाबन्दी थी. शांतिपूर्ण विरोध तक के लिए पाबन्दी थी.
रौलट सत्याग्रह
सबसे पहले वोइसरॉय के एग्जीक्यूटिव कौंसिल में जो भारतीय थे उन्होंने कौंसिल से इस्तीफा दे दिया. जैसे की मोहम्मद अली जिन्ना, मजहर उल हक़, मदन मोहन मालवीय एवं बीएन शर्मा. रौलट एक्ट को लेकर आम जनता में क्रोध की ज्वाला भड़क गयी थी. गांधीजी ने निर्णय लिया की वे इस एक्ट के विरोध में संघर्ष करेंगे लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से. गांधीजी ने 24 फ़रवरी 1919 में सत्याग्रह सभा की शुरुआत की. जगह जगह सत्याग्रह सभाये गांधीजी के अनुयायी द्वारा भी की गयी.
जलियांवाला हत्या कांड
इसके बाद 6 अप्रैल को देशव्यापी हड़ताल की गयी सब वैसेही हो रहा था जैसे गांधीजी ने प्लान किया था लेकिन उसी दौरान 9 अप्रैल 1919 को पंजाब से खबर आयी की वहा के बड़े नेता सैफुद्दीन किचलू एवं डॉक्टर सत्यपाल को पोलिस पकड़कर ले गयी परिणामस्वरूप अमृतसर में माहौल ख़राब हो गया. तथा ब्रिटिशर्स के इमारतों में पथरबाजी हुयी उनके झंडे जलाये गए स्थितियों नियंत्रण से बहार होता देख पंजाब में 11 अप्रैल को मार्शल लॉ लगाया गया एवं पंजाब में शांति लाने की जिम्मेदारी जनरल डायर को देदी गयी. लेकिन इन सब बातो से अनजान पंजाब में लोग बैसाखि मनाने जलियांवाला बाग़ में जमा हुए. जब जनरल डायर को पता चला बाग़ में 10 से 15 हज़ार लोग जमा हुए हैं तो जनरल डायर ने पहुंचकर गोलिया चलायी तथा हज़ारो की तादाद में मासूम लोग मारे गए.
लार्ड रीडिंग ने किया रौलट एक्ट को रद्द
गांधीजी हिंसा से काफी नाराज़ हो गए तथा लोगो ने भी गुजरात पंजाब बंगाल में हिंसा की तथा गांधजी ने सत्याग्रह को वापस ले लिया. तीन वर्ष बाद लार्ड रीडिंग ने रौलट एक्ट को पीछे ले लिया. यह थी कहानी रौलट एक्ट की. धन्यवाद!
Nikhil
26 Mar 2021Hi hoq can i find the mind map for these topics