भारतीय प्रिंटिंग प्रेस तथा अखबारों के बारे में जानकारी

भारतीय प्रिंटिंग प्रेस

इस आर्टिकल में हम भारतीय प्रिंटिंग प्रेस के इतिहास के बारे में जानेंगे। इंडिया में सबसे पहली बार प्रिंटिंग प्रेस जो आई थी वह पोर्तुगीज से आई थी। असल में फादर गैसपिलर काजो गोवा में अपना मिशनरी का काम संभाल रहे थे उन्होंने महसूस किया कि अगर गोवा में एक प्रिंटिंग प्रेस मिल जाए तो वे अपना मिशनरी का काम बहुत ही अच्छे तरीके से कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने एक प्रिंटिंग प्रेस पुर्तगाल से आर्डर की। इस प्रकार 1556 में गोवा में भारत में पहली बार प्रिंटिंग प्रेस मंगाई गई। इसके बाद मुंबई 1670 में पहली प्रिंटिंग प्रेस लायी गयी. लेकिन कमाल की बात यह है कि मुंबई में अगले 100 वर्षों तक एक भी न्यूज़पेपर प्रकाशित नहीं हुआ।

भारतीय प्रिंटिंग प्रेस का पहला अख़बार

इसके बाद 1780 में लंदन से एक बिजनेसमैन जेम अगस्ता हिक्की भारत में आता है और कोलकाता में अपना पहला प्रिंटिंग प्रेस स्थापित करता है। तथा उसके द्वारा भारत में बंगाल गजट नाम का पहला न्यूज़पेपर कोलकाता शहर से प्रकाशित हुआ। बंगाल गजट एक अंग्रेजी अखबार था। जेम्स अगस्ता हिक्की इस न्यूज़पेपर या अखबार के माध्यम से ईस्ट इंडिया कंपनी के काले कारनामे तथा भ्रष्टाचार की नीतियां उजागर कर रहे थे। लेकिन वारेन हास्टिंग को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई। तथा 2 वर्षों के भीतर यह अखबार बंद हो गया। इसके बाद 1784 से लेकर 1789 तक कुछ और अंग्रेजी अखबार प्रकाशित हुए। जैसे कि कलकत्ता गैजेट, बंगाल जर्नल तथा बॉम्बे हेराल्ड। बॉम्बे हेराल्ड वह पहला अखबार था जो मुंबई से 1789 में प्रकाशित हुआ। इसी अखबार का नाम बदलकर बॉम्बे गैजेट रखा गया।

सेंसरशिप ऑफ़ प्रेस एक्ट

इसके बाद 1790 में सेंसरशिप ऑफ़ प्रेस एक्ट आया क्योंकि उस समय फ्रेंच भारत में आक्रमण कर रहा था। तब लार्ड वेलेस्ली को लगा की फ्रेंड पब्लिकेशन भारतीयों को अंग्रेजो के खिलाफ भड़का सकते हैं इसलिए पब्लिकेशन पर सेंसर लगाने के लिए सेंसरशिप ऑफ़ प्रेस एक्ट लाया गया. इस प्रेस एक्ट के अनुसार पब्लिशर सरकार के खिलाफ कुछ लिख नहीं सकते थे और तो और सरकार के अनुमति के बिना कुछ भी पब्लिश नहीं कर सकते थे। एक्ट के अनुसार पब्लिशर कोई भी चीज़ पब्लिश करने के पूर्व एक कॉपी ब्रिटेन सरकार को देना होगी और उन कॉपियों में पब्लिशर का नाम, लेखक का नाम होना अनिवार्य कर दिया गया था। लेकिन 1818 में लॉर्ड हेस्टिंग्स ने इसे अबॉलिश कर दिया।

भारतीय प्रिंटिंग प्रेस का पहला देसी भाषा अख़बार

1818 में भारत का अपना पहला वर्नाकुलर अखबार याने की पहला भारतीय भाषा का अखबार समाचार दर्पण प्रकाशित हुआ। यह अखबार बंगाली भाषा में था।

उसके बाद 1822 में प्रकाशित हुआ बॉम्बे समाचार। बाद में इसका नाम बदलकर रखा गया मुंबई समाचार तथा यह भारत का सबसे पुराना अखबार जो अभी भी प्रकाशित होता है।

1822 में राजा राम मोहन रॉय ने संवाद कौमुदी नाम का अखबार प्रकाशित किया इस अखबार में वे मुखरता से रीती रिवाज़ो एवं सती प्रथा के खिलाफ अपने विचार रखकर समाज में जनजागृति लाने का काम कर रहे थे.

लाइसेंसिंग रेगुलेशन एक्ट.

1823 में जॉन एडम ने ने एक कानून लाया जिसका नाम था लाइसेंस रेगुलेशन एक्ट। इस एक्ट के अनुसार अब प्रत्येक।न्यूज़पेपर को लाइसेंस की अनिवार्यता कर दी गई। जिसके पास लाइसेंस नहीं है वह प्रकाशक अखबार प्रकाशित नहीं कर सकता था। इस एक्ट की वजह से अखबारों पर बुरा प्रभाव पड़ा और बहुत से अखबार के प्रकाशन बंद हो गए।का पहला हिंदी अख़बार

30 may 1826 में पहली बार भारत का पहला हिंदी अखबार प्रकाशित हुआ उदान्त मार्तंड तथा यह दिन हर वर्ष भारत में हिंदी पत्रकारिता के दिवस में मनाया जाता है।

1840 में चार्ल्स मेटकॉफ ने लाइसेंसिंग रेगुलेशन एक्ट को निरस्त कर दिया.इसके इस निति के वजह से उसे प्रेस का मुक्तिदाता भी कहा जाता हैं. लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी के डायरेक्टर को यह बात पसंद नहीं आई और चार्ल्स मेटकॉफ को रिजाइन कर देना पड़ा।

प्रेस वर्नाकुलर एक्ट

18 68 में अमृत बाजार पत्रिका प्रकाशित हुई। अमृत बाजार पत्रिका बंगाली भाषा में प्रकाशित होती थी। 18 78 तक भारत के बहुत से अखबार अनेक भाषाओ में छपने लगे। तथा अखबारों में ब्रिटिश सरकार के कार्यों की आलोचना की जाने लगी। जिस वजह से आम लोगों तक बातें आसानी से पहुंच रही थी तथा जागृति निर्माण हो रही थी। जिस वजह से ब्रिटिश सरकार को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इसलिए 1878 मैं लॉर्ड लिटन ने फेमस वर्नाकुलर एक्ट पारित किया। इस एक्ट के अनुसार सारे भारतीय भाषाओ के अखबार बंद कर दिए गए। उस समय 35 ऐसे अखबार थे जो भारतीय भाषा में प्रकाशित होते थे और उन में ताला लग गया। लेकिन अमृत बाजार पत्रिका के प्रकाशक ने चतुराई से काम लेते हुए अपने इस अख़बार को बंगाली भाषा की जगह अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित करना शुरू कर दिया. हालांकि इसके 4 वर्ष बाद लॉर्ड रिपन ने 1882 में वर्नाकुलर एक्ट को निरस्त कर दिया था।

फेमस पर्सनालिटी द्वारा प्रकाशित अख़बार

महात्मा गांधी ने यंग इंडिया तथा नवजीवन नाम का अखबार प्रकाशित किया वर्ष 1919 में. उसके बाद उन्होंने वर्ष 1933 में हरिजन नामक अखबार प्रकाशित किया।

डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने मूकनायक नाम का अखबार प्रकाशित किया तथा दलितों के उद्धार के लिए उसमें अपने विचार प्रकट किए।

प्रबुद्ध भारत नाम का अखबार स्वामी विवेकानंद द्वारा प्रकाशित किया गया था।

अल हिलाल यह अखबार मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा प्रकाशित किया गया था।

केसरी तथा मराठा यह अखबार बाल गंगाधर तिलक द्वारा प्रकाशित किया गया था तथा इस अखबार ने लोगों के भीतर राष्ट्रवादी भावना जगाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। मराठा यह अखबार अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होता था जबकि केसरी यह अखबार मराठी भाषा में प्रकाशित होता था।

मोतीलाल नेहरू ने प्रकाशित किया था इंडिपेंडेंट न्यूज़ पेपर।

नेशनल हेराल्ड यह न्यूज़ पेपर पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रकाशित किया गया वर्ष 1938 में।

जीडी बिरला ने प्रकाशित किया था द हिंदुस्तान टाइम्स जबकि हिंदुस्तान अखबार यह मदन मोहन मालवीय द्वारा प्रकाशित किया जाता था।

अब हम जो एरिया वाइज अखबार प्रकाशित होते थे इस बारे में जानकारी लेंगे.

पंजाब से प्रकाशित हो रहा था ट्रिब्यून मुंबई से प्रकाशित हो रहा था केसरी तथा मराठा।

मद्रास से प्रकाशित हो रहा था केरला पत्रिका, स्वदेसमित्रण और द हिंदू।

बंगाल से प्रकाशित हो रहा था इंडियन मिरर, संवाद कौमुदी, अमृत बाजार पत्रिका तथा उद्दंड मार्तंड।

यह की जानकारी भारतीय अखबारों की। धन्यवाद!

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