6 April 1930 को गांधीजी ने Dandi Beach पर Salt Law को तोड़ कर civil disobedience movement की शुरुवात करदी थी और , इसके एक महीने के बाद … यानि May 1930 में Simon Commission ने भी अपनी report publish कर दी और जब इसी Simon commission की report को discuss करने के लिए British government ने Nov 1930 में London में 1st Round table conference organize की ।।।। ।तो Indian National congress ने is conference में participate करने से मन कर दिया ।।।और वह इसलिए क्योंकि ।।। congress उस समय अंग्रेज़ों के खिलाफ civil disobedience movement कर रही थी ।।। और ज़ाहिर सी बात है ।।। जब वह सभी अंग्रेजी laws और institutions को boycott कर रही थी ।।। तोह अंगेर्जों के साथ बैठ कर Indian constitutional reforms पर चहरचा कैसे कर सकती है ।
अब आप सोंचो … जो पार्टी … एक इतना बड़ा movement lead कर रही हो …। जिसके पीछे पूरा देश खड़ा हो गया हो ।। जिसके ।।। मात्रा एक बार कहने पर ।।।।। 60 हज़ार से जायदा लोग खुसी खुसी जेल जाने के लिए तरियार होगये हों ।।।। अगर वही पार्टी ।।इस conference को अटेंड नहीं कर रही है … तोह क्या इस conference की कोई value बची ??? ।।।obviously नहीं ।।। और ऐसा ही हुआ ।।। first round table conference fail हो गयी …और उसका कोई result नहीं निकला
इसीलिए British India के viceroy … Lord Irwin … जो British India के viceroy रहे 1926 से 1931 तक …। उन्हें British Government ने pressurize किया की कैसे भी करके ।।। 2nd round table conference से पहले … congress को मनाओ ।। उनकी presence ज़रूरी है ।
तोह भाई … British Governmnet के pressure देने के बाद …।Lord Irwin को act करना ही पड़ा
Lord Irwin भागे भागे गया …।गांधीजी के पास ।।बोला की भाई मेरी नौकरी खतरे में आ गयी है … आओ बैठकर बात कर लेते है … गांधीजी को भी Lord Irwin काफी sincere आदमीं लगा ।। उन्हें लगा की इसके साथ तो बात की जा सकती है ।
तोह गांधीजी और Irwin दोनों के बीच 15 दिन के period में 8 meetings हुई इन meetings का जो outcome था ।। वो था एक agreement जिसे Gandhi Irwin Pact भी कहा जाता है … और यह Sign किया गया था … 5 March 1931 को ।
इस agreement के हिसाब से गांधीजी ने civil disobedience movement को stop कर दिया ।।।।। और इसी के साथ साथ …।Indian national congress ने 2nd round table conference में participate करने के लिए हाँ कर दिया
इसके बदले … British government ने यह agree किया की सभी political prisoners जिनके ऊपर कोई हिंसा का आरोप नहीं है … उनको immediately छोड़ दिया जाएगा साथ ही British government ने INC की activities को रोकने के लिए जितने भी ordinances पास किये हैं ।। उन्हें भी वापस ले लिए जाएगा
साथ ही tax न देने की वजह से जिन लोगों की ज़मीनें जप्त कर ली गयी थी … British government उनकी ज़मीनें वापस कर रही थी
गाँधी इरविन Pact का next important point यह था ।। की जिन लोगों ने civil disobedience के चलते …government jobs छोड़ दी थी ।। British government ।।।उनको वापस से job में ले रही थी
साथ ही ।।। coastal areas में अबसे नमक बनाना … allowed कर दिया गया था
और हाँ … एक और important point …।।।दारू और विदेशी सामन बेचने वाली दुकानों के सामने … Peaceful pickting अब allow कर दी गयी थी
Gandhi aur Irwin की ये meetings 15 दिन तक चली थी …। इस दौरान …। Gandhiji ne Lord Irwin को यह भी request किया था की … क्या ।।।भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु की फांसी को रोका जा सकता है … लेकिन … Lord Irwin ने उनकी यह demand नहीं मानी
तोह ये था Gandhi – Irwin pact, यह Pact बोहोत ही significant था ।। क्योंकि इस एक्ट में पहली बार ऐसा लगा जैसे 2 बराबर के लोगों में आमने सामने बैठकर negotiation हुआ हो …। इसे ।।civil disobedience movement की सफलता के रूप में भी देखा जा सकता है ।।
Yash verma
26 Oct 2019Nice explain bhai
Yash verma
26 Oct 2019Nice explain bhai keep
Nagesh kumar
10 Nov 2019Nyc explain sir,
I clearly understood.
I’m very excited to meet you.
Nagesh kumar
10 Nov 2019Thanks sir